tag:blogger.com,1999:blog-359443679646123682.post5572727790718584471..comments2023-10-18T04:35:14.088-07:00Comments on भारतनामा: वेदों की बेदी परमधुकरhttp://www.blogger.com/profile/03562544056870654478noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-359443679646123682.post-24476875664588805192009-11-06T17:32:03.387-08:002009-11-06T17:32:03.387-08:00मधुकर जी,
नोबल विजेता अमर्त्य सेन ने 1991 में एक श...मधुकर जी,<br />नोबल विजेता अमर्त्य सेन ने 1991 में एक शोध-पत्र प्रस्तुत किया था-The Argumentative Indians,इसमें उन्होंने तथ्यों के साथ सुंदर विवेचना की थी कि आज़ादी के बाद भारतीयों ने और कुछ सीखा हो या न सीखा हो, तर्क करना बड़े अच्छे ढंग से सीख लिया है...हर सही-गलत बात पर हम अपनी ही सोच को सही साबित करना चाहते हैं...इसके लिए तर्क-कुतर्क सभी का प्रयोग करते हैं...मीडिया ट्रायल भी ऐसी ही एक ग्रंथि है...आपने केंद्र और हाशिए का उदाहरण देकर बड़े सुंदर ढंग से इस विसंगति को समझाया है...अगर व्यक्ति को संस्था से ऊपर मानते हुए लोकतंत्र के स्तंभ एक दूसरे के कार्य में यूंही अतिक्रमण की कोशिश करते रहेंगे तो अराजकता तो होगी ही होगी...बेहतर यही होगा कि हम सब जिस स्तंभ से भी जुड़े हैं, उसी में ईमानदारी से अपना योगदान दें...मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति सरकार का काम है, सरकार पर ही छोड़ देना चाहिए...<br /><br />आपसे बड़े दिनों बाद संवाद कर बड़ा अच्छा लग रहा है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.com