गांव आसानी से शहर नहीं आता।
मजबूरी में आता है।
जब पानी सिर से ऊपर हो जाए।
परेशान-हलकान हो जाए।
गांव अक्सर गांव में रहता है।
उसे शहर की जरूरत नहीं होती।
किसान इंडिया गेट पर क्या करें।
जंतर मंतर क्यों आए।
कुदाल चला नहीं सकता।
हंसिया-दरांती लेकर नहीं जा सकता।
उसका खेत गांव में।
जिंदगी गांव में। हाट गांव में।
गुस्सा उसे कम ही आता है।
घरवाली को उससे भी कम।
वह खुश होकर शहर में नहीं आयी।
हुस्से में है। कुछ करो कि क्रोध काबू में रहे।
ज्वालामुखी न फटे।
मजबूरी में आता है।
जब पानी सिर से ऊपर हो जाए।
परेशान-हलकान हो जाए।
गांव अक्सर गांव में रहता है।
उसे शहर की जरूरत नहीं होती।
किसान इंडिया गेट पर क्या करें।
जंतर मंतर क्यों आए।
कुदाल चला नहीं सकता।
हंसिया-दरांती लेकर नहीं जा सकता।
उसका खेत गांव में।
जिंदगी गांव में। हाट गांव में।
गुस्सा उसे कम ही आता है।
घरवाली को उससे भी कम।
वह खुश होकर शहर में नहीं आयी।
हुस्से में है। कुछ करो कि क्रोध काबू में रहे।
ज्वालामुखी न फटे।
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