Thursday, June 24, 2010

बहरीन के ग्रेनाइट की फ्लोरिंग, चीनी पर्दे, विदेशी फूल

कायाकल्प की। अकल्पनीय कहानी। शहर हो ग्रीन-क्लीन! आवागमन सहज-सुगम! देवदूतों की तरह आते-जाते। पर्यटकों की खातिर। भव्य हों हवाई अड्डे। राष्ट्रमंडल खेल ने। किया गजब। भूल गए नौ दिन में। अढ़ाई कोस की तर्ज। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का। यह नया टर्मिनल। सैंतीस माह में तैयार। विशाल-आलीशान। वहां ले जाएंगे मनोरम मार्ग। बहरीन के ग्रेनाइट की फ्लोरिंग। चीनी पर्दे। विदेशी फूल। न छानबीन की झंझट। न कोई इंतजार। ऐलीवेटरों, एक्सीलेटरों, स्वचालित पगडंडियों की भरमार। दुनिया के विशालतमों, आधुनिकतमों में एक। स्वागत करतीं। नृत्य की। हस्त मुद्राएँ। अभय देतीं। तथागत की। भंगिमाएं!

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