लोकतंत्र सुंदर होता है। जहां भी हो। राजे रजवाड़ों से अच्छा। गोली बंदूक से बेहतर। इहलोक की सबसे अच्छी व्यवस्था। बदलाव का एक प्रभावी तरीका। सब कुछ लोगों के हाथ में। राजप्रासाद और सैन्य शिविर फैसले नहीं करते। लोग करते हैं। गांव करता है। मुहल्ले-कस्बे करते हैं। किसी देश को प्रेशर कुकर नहीं बनने देता लोकतंत्र। हवा निकाल देता है। कुकर फटने से पहले। वह भविष्य की ओर देखता है। आने वाली नस्लों को सौंप जाता है एक शांत देश।
नेपाल इसी तरफ देख रहा है।
1 comment:
माओवादियों के हाथ आने के बाद अब कहां जा रहा है लोकतंत्र। वहां रहने वाले भारतीयों का क्या होगा, जिन्हें वे मधेशी कहकर पहले से ही पीटते आ रहे हैं।
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