Friday, February 5, 2010

यह रुख पसंद आया, तुम्हारी सारी फिल्मों से ज्यादा


वे शाहरुख हैं। नाम से। माहरुख होते तो बदल जाते। चांद की तरह। शाहरुख हैं इसलिए डटे हुए हैं। यही उनका रुख है। अच्छा है। सिनेमा से इतर। इंसान की तरह। नागरिक के रूप में। शिवसेना ने धमकी दी। कला और बोलने की आजादी के खिलाफ। कहा माफी मांगो। वह टस से मस नहीं हुए। न बदले। न झुके। धमकियों के आगे। पर माफी मांग ली। लोगों से। अपने साथियों से। कि उनके रुख से असर होगा फिल्म पर। अब जो होना हो, हो। डटे रहो शाहरुख। यह रुख पसंद आया। तुम्हारी सारी फिल्मों से ज्यादा.
saabhar ; aajsamaj

1 comment:

अनुराग द्वारी said...

सर ...

पर यही रुख़ खल रहा है ... वो माफी मांगते हैं ... ये भी कहते हैं कि बाल ठाकरे बुलाएंगे तो उनके दर पर चले जाएंगें ... क्यों हैं ... कौन है ठाकरे कोई हौव्वा ... ऐसा शख्स जो नगर निगम तक का चुनाव ना लड़ा हो ... उससे ऐसा डर क्यों ??