Monday, February 1, 2010
रविवार था टेनिस का दिन
रविवार था टेनिस का दिन। दो मुकाबले जानदार। फेडरर और मरे। दूसरे में। हमारे अपने। लिएंडर पेस। हर खेल में होता यही। किसी की पूरी होती मुराद। किसी का टूटता दिल। मरे के साथ। इंग्लैंड का भी। दिल ही नहीं। टूटा सपना। ग्रैंड स्लैम का। चौहत्तर साल पुराना। फेडरर का जारी रहा। तूफानी विजय अभियान। जीते आस्ट्रेलियाई ओपन। एक अंतराल के बाद। पेस ने भी किया कमाल। खेले जबर्दस्त। जोड़ीदार कारा ब्लैक से भी। रहे बीस। पाया मिश्रित युगल खिताब। ग्रैंड स्लैम की गिनती में। अब पेस-भूपति। दोनों ग्यारह!
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1 comment:
विजेताओं को बधाई। आपको धन्यवाद।
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