भादों में इतना धधकता। लपटों में घिरा पंद्रह अगस्त। उद्वेग, विक्षोभ और हिंसा से लहूलुहान कश्मीर। जम्मू भी वैसा ही लथपथ। जम्मू-कश्मीर एक प्रांत। डेढ़ माह से अलग-थलग। घाटी एक रूपक। वैमनस्यता, बिखराव और विभाजन का। जलते जम्मू के बाद घाटी में अपशकुनी छायाएं। खौफनाक मंसूबों से भरे चित्र। शांति-खुशहाली आ रही थी रफ्ता-रफ्ता। दगाबाज, दागी राजनीति से फिर वह छिन्न-भिन्न। तेरह साल बाद कर्फ्यू में दसों जिले। घर में लगी है आग। मिलकर उसे बुझाओ। नहीं तो फिर देश जलेगा। देश की खातिर, उसे नहीं भड़काओ।
Wednesday, August 13, 2008
लपटों में घिरा पंद्रह अगस्त
भादों में इतना धधकता। लपटों में घिरा पंद्रह अगस्त। उद्वेग, विक्षोभ और हिंसा से लहूलुहान कश्मीर। जम्मू भी वैसा ही लथपथ। जम्मू-कश्मीर एक प्रांत। डेढ़ माह से अलग-थलग। घाटी एक रूपक। वैमनस्यता, बिखराव और विभाजन का। जलते जम्मू के बाद घाटी में अपशकुनी छायाएं। खौफनाक मंसूबों से भरे चित्र। शांति-खुशहाली आ रही थी रफ्ता-रफ्ता। दगाबाज, दागी राजनीति से फिर वह छिन्न-भिन्न। तेरह साल बाद कर्फ्यू में दसों जिले। घर में लगी है आग। मिलकर उसे बुझाओ। नहीं तो फिर देश जलेगा। देश की खातिर, उसे नहीं भड़काओ।
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1 comment:
सटीक!!बहुत ही बढ़िया.
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