Monday, August 4, 2008
मौतों की फिर मनहूस खबर
एक आशंका कौंधती है हर बार। करती रही परेशान। मनाते न आए मक्का से। मौतों की मनहूस खबर। कुंभ-पर्व पर भी ऐसी अनहोनी का अंदेशा। अभी पुरी में रथयात्रा में मारे गए थे भागमभाग में कई। और अब सौ से ज्यादा हिमाचल में। शुभ-मंगल की मनौती लेकर गए, लेकिन मारे गए भगदड़ में। घटनाओं का यही एक रूप। अफवाहें, भगदड़ और लाशों का अंबार। क्यों नहीं जागता प्रशासन? चुस्त दुरुस्त क्यों नहीं होता इंतजाम। तीर्थों में आते रहेंगे आस्थावान। उनकी रक्षा आप ही करो, हे भगवान।
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1 comment:
दुखद.
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