जो जहां है, रहना चाहिए। जैसा है, करीब-करीब वैसा ही। नदी को नदी। पहाड़ को पहाड़। सड़क को सड़क। ताकि हम बचे रहें। आने वाली नस्लें नदी को सड़क न समझें। जंगल कट-कटाकर शहर न बन जाएं। यहां एक शहर था। सड़क थी। एक दिन बारिश हुई। झमाझम। सब उलट-पुलट गया। बरसात ने दिल तोड़ दिया। नदी सूखकर सड़क हो गई। फिर तो सड़क को नदी बनना ही था। ऐन मुंबई में। मायानगरी। यह माया नहीं है। असली पानी है। असली मुसीबत। खेल-खेल में पानी-पानी।
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1 comment:
देख रहें हैं मुम्बई की हालत-जायज चिन्तन है.
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