Wednesday, July 16, 2008

कामरेड... नहीं, यह लोकसभाध्यक्ष का घर

कामरेड... नहीं, नहीं, यह लोकसभाध्यक्ष का घर। इस समय शांत, निस्तब्ध। अंदर से लेकिन बेचैन-अशांत। राजनीति के अंधियारे में अंतरात्मा का झिलमिल सा दिखता-सोमनाथ-एक नाम। यह एक पद या कि महज सांसद का एक नाम। एटमी डील की राजनीति। बेहद संकरी उसकी पगडंडी। इसमें फंस गया एक बड़ा संवैधानिक डीलडौल। अंकों की गिनती को देखो तो कटारा, पप्पू यादव, अतीक, सूरजभान और वैसे ही एक सोमनाथ। मोल-तोल का बाजार गर्म। खरीद-बेच की उधेड़बुन। कैसे बचे कुछ इसकी एकला कश्मकश।

1 comment:

बोधिसत्व said...

सब धान बाइस पसेरी ऐसा ही दौर है
अंधेर नगरी में सब कुछ मुह का कौर है।