Sunday, July 20, 2008

ले जाओ एक टुकड़ा लोकतंत्र


भारत एक पहेली है। विकट लोकतांत्रिक पहेली। चित्रात्मक। चित्रलिखित। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र। सबसे बड़ी पहेली। कुछ कठिन, कुछ आसान। पहचानिए। और ईनाम जीतिए। ले जाइए एक टुकड़ा लोकतंत्र। जितना हिस्से में आए। लोकतंत्र के टुकड़े हो रहे हैं। चंद्रबाबू ने मायावती से हाथ मिलाया। कोई किसी से हाथ मिला लेता है। कहीं से कहीं चला जाता है। सुबह यहां। शाम वहां। रात का ठिकाना नहीं। एक हाथ मिलाता है। दूसरे के पांव के नीचे से जमीन खिसक जाती है। पहेली में सहेली। झूठी है दोस्त उसकी हथेली कहेगी क्या?

2 comments:

Udan Tashtari said...

सटीक एवं दो टूक बात!

भारतीय दर्पण said...

अच्छा लिख रहे हैं .... लिखते रहिये